सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय – खेल और सम्मान सहित पूरी जानकारी हिंदी में ।

tendulkar Biography

जब विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं का नाम लिया जाता है तो सचिन तेंदुलकर का नाम पहले आता हैं। तेंदुलकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी है साथ ही सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। ये एकमात्र ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी है जिन्हे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी नवाजे जा चुके है। सन् 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश करने के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई उपलब्धिया स्थापित किए हैं।

प्रारंभिक जीवन :

सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 में मुंबई स्थित राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता रमेश तेंदुलकर महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकार थे और उनकी माँ रजनी एक बीमा एजेंट का काम करती थीं। उनके पिता ने सचिन का नाम सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था, जोकि उनके पसंदीदा संगीत निर्देशक थे। तेंदुलकर अपने बहन और 4 भाई में सबसे छोटे हैं।

प्रतिभा की पहली झलक

सचिन सामान्य परिवार में पले -बढ़े और अपनी शिक्षा मुंबई के शारदाश्रम विश्वविद्यालय में की। उनके बड़े भाई अजित तेंदुलकर इन्होंने बचपन से ही सचिन को सही मार्गदर्शन किया। आचरेकर ने सचिन की प्रतिभा को देखा और वह काफी प्रभावित हुए। सचिन ने हँरिस शिल्ड मुकाबले में विनोद कांबली के साथ निजी 326 रन बनाते हुये 664 रनों की विक्रमी भागीदारी करने का पराक्रम किया और 15 साल की उम्र में वो मुंबई टीम में शामिल हुये।

सचिन के कोच रमेश आचरेकर का सचिन को प्रैक्टिस कराने का तरीका बिल्कुल अलग था। वह क्रीज पर विकेट के नीचे 1 रूपये का सिक्का रखते दिया करते । अगर किसी गेदबाज ने सचिन को आउट कर दिया तो यह सिक्का उस गेदबाज को दे देते थे और अगर सचिन आउट नहीं हुए तो यह सिक्का सचिन को मिलता था। सचिन ने आज भी अपने गुरु से जीते 13 सिक्के अपने पास रखे है। इस तरह से सचिन के गुरु ने सचिन को बल्लेबाजी में माहिर बनाया।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का पहला अनुभव

सचिन ने 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। टेस्ट और एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक बनाने का रिकार्ड इनके नाम हैं। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ का ताज हासिल हैं।

वर्ल्ड रिकॉर्ड ⇓

=> बांग्लादेश के खिलाफ 100वाँ शतक पूरा किया।

=> एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने।

=> एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा (18000 से अधिक) रन बनाये।

=> एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा 49 शतक इनके नाम है।

=> सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा (51) शतक

=> सचिन तेंदुलकर का टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का कीर्तिमान।

=> टेस्ट क्रिकेट 13000 रन बनने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर बने।

=> एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द सीरीज रहे।

=> एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच।

=> अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबलो में सबसे ज्यादा 30000 रन बनाने का कीर्तिमान इनके ही नाम है।

राष्ट्रिय सम्मान ⇓

सन् 1994 ⇒ अर्जुन पुरस्कार

सन् 1997-98 ⇒ राजीव गाँधी रत्न

सन् 1999 ⇒ पद्म श्री।

सन् 2001 ⇒ महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार

सन् 2008 ⇒ पद्म पुरस्कार

सन् 2014 ⇒ भारत रत्न

सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार

वर्ल्ड कप हमेशा अलग गेम है और यहाँ परफॉर्म करने का अपना अलग महत्व होता है।

मुझे लगता है की मेरे साथ मैच, वास्तविक मैच की तुलना में बहुत पहले शुरू हो जाता है।

मैं तुलना में कभी विश्वास नहीं करता, चाहे वह विभिन्न युग के बारे में हो, खिलाड़ी या कोच के बारे में हो।

सामाजिक कार्य के लिए किये जाने वाले प्रयास यदि अपने स्वार्थ के लिए हों, तो वे कार्य एक समय बाद मर जायेंगे।

खुद अपने लिए टारगेट सेट कीजिए। किसी और की उम्मीदों के दबाव में मत आइए। सोच को पॉजिटिव रखें।

मैं यहाँ तक अकेले नहीं पंहुचा हूँ, मुझे लोगों के प्यार ने यहाँ तक पहुंचाया है

मैंने कभी कोई लक्ष्य नहीं बनाया, बस मन लगाकर क्रिकेट खेला है।

मैंने हमेशा से भारत के लिए खेलने का सपना देखा था किन्तु यह मुझपर कभी दबाव नहीं डाल सका।

आलोचकों को मेरे शरीर और दिमाग के बारे में कुछ भी पता नहीं उन्होंने मुझे मेरा क्रिकेट खेलना नहीं सिखाया है।

मैं एक खिलाडी हूँ राजनेता नहीं, मैं क्रिकेट छोड़कर पॉलिटिक्स में नहीं जा रहा। क्रिकेट मेरी Life है और मैं हमेशा उसी के साथ रहूँगा।

मैं जब भी क्रिकेट खेल रहा होता हूँ तो मैं क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं सोचता।

हर खिलाडी जीत के लिए अपना पूरा योगदान देते है जिस कारण जीत हमेशा महान मिलती है।

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